नीलम धारण करने से पहले क्या करना चाहिए? – Things to Keep in Mind Before Wearing Blue Sapphire

नीलम धारण करने से पहले क्या करना चाहिए? नीलम रत्न शनि का बहुत ही महत्वपूर्ण रत्न है, इस रत्न को धारण करने से पहले अपने जन्म कुंडली का विस्तृत विवेचना किसी योग्य ज्योतिष से करवा लेना चाहिए। नीलम रत्न को सबसे तेज कार्य करते देखा गया है, मान्यता तो ऐसी भी है की यह रत्न यदि फायदा करना होगा तो एक दिन मे ही समझ आ जाता है और नुकसान करना हो तो भी एक ही दिन मे समझ आ जाता है। तो आइये अब जानते है नीलम धारण करने से पहले क्या करना चाहिए? के बारे मे…

शनि अपने आप मे एक बहुत ही महत्वपूर्ण ग्रह है, यह देने पर आए तो इंसान को इतना देता है की अरबपति बना देता है। नीलम रत्न की सक्रियता बहुत ज्यादा होती है और वह आपके आर्थिक स्थिति को अच्छा तो करता ही है साथ ही यह आपके स्वस्थ्य को भी अच्छा रखने मे मदद करता है।

नीलम धारण करने से पहले क्या करना चाहिए?
नीलम धारण करने से पहले क्या करना चाहिए?

नीलम धारण करने से पहले क्या करना चाहिए?

नीलम रत्न धरण करने से पहले कुछ विशेष बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। जैसे कि…

  • नीलम रत्न को किस धातु के अंदर पहनना चाहिए?
  • नीलम रत्न का वजन क्या होना चाहिए?
  • नीलम रत्न को पहनने का सही दिन कौन सा है?
  • नीलम रत्न को पहनने से पहले पुजा विधि क्या है?
  • नीलम रत्न को किस मंत्र के जाप के बाद धारण करना चाहिए?
  • नीलम रत्न को राहू काल मे पहनना चाहिए कि नहीं?
  • नीलम रत्न को धारण करने से पहले और भी बातों का ध्यान देना बहुत जरूरी होता है जो निम्नलिखित है…

नीलम धारण करने से पहले क्या करना चाहिए?

नीलम रत्न पहनने कि सबसे अच्छी धातु (Best Metal To Wear Blue Sapphire)

  • नीलम रत्न को प्लैटिनम या पंचधातु मे पहना जा सकता है।
  • बहुत सारे लोग इसे चाँदी या सोने मे भी पहनने कि सलाह देते है, परंतु चाँदी चंद्रमा का धातु है और सोने को सूर्य का धातु माना जाता है, शनि का चंद्रमा और सूर्य शत्रु ग्रह होता है, इसलिए सोने या चाँदी मे धारण करना मुश्किल मे डाल सकता है।
  • जहां तक संभव हो इसे प्लैटिनम या पंचधातु मे पहना जाय तो अच्छा हो सकता है। इसके बाद भी आपको किसी अच्छे ज्योतिषी का भी सलाह जरूर लेना चाहिए।

नीलम रत्न को कौन सी उंगली मे पहनना चाहिए? (In Which Finger Blue Sapphire Gemstone To Wear?)

  • नीलम रत्न को उंगली मे पहनने से ज्यादा प्रभावकारी गले मे पहनना हो सकता है, पहनने के लिए उंगली और गले दोनों जगह धारण किया जा सकता है।
  • नीलम रत्न को यदि गले मे पहना जाय तो ज्यादा लाभकारी हो सकता है क्योकि जो हमारे सात चक्र होते है वो हमारे सिर से लेकर कमर तक होते है और हमारा चौथा चक्र (अनाहत चक्र) पर धारण किया जाता है तो यह सारे चक्र को बैलेन्स करके शुभ और अच्छा परिणाम देता है।

नीलम रत्न पहनने का सबसे अच्छा दिन क्या है? (Best Day To Wear Blue Sapphire Gemstone?)

  • शनिवार के दिन नीलम रत्न को पहनना शुभ बताया गया है।
  • सूर्यास्त के बाद शनिवार के दिन नीलम रत्न को पहना जा सकता है।
  • नीलम रत्न धारण करने से पहले यह जरूर जान लेना चाहिए की कही राहू काल तो नहीं चल रहा है?
  • शनि के बीज मंत्र (ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः) का जाप कम से कम 11 माला करने के बाद ही इस रत्न को धारण करना चाहिए।

नीलम का आदर्श वजन कितना होना चाहिए? (How Much The Ideal Weight Of Blue Sapphire?)

  • यदि नीलम रत्न के वजन की बात करें तो इसमे बहुत सारी भ्रांतियाँ है, अलग अलग ज्योतिषियों द्वारा अलग अलग बातें बताई जाती है।
  • वास्तव मे यदि देखा जाय तो ये आपके शनि ग्रह की जन्म कुंडली मे स्थिति और डिग्री के ऊपर निर्भर करती है की आपको कितने वजन का नीलम रत्न धरण करना चाहिए।
  • किसी अच्छे ज्योतिषी से सलाह लेकर ही आप वजन का निर्धारण करें।

नीलम रत्न पहनने का अनुष्ठान (Rituals Before Wearing Blue Sapphire Gemstone)

नीलम रत्न को धारण करने से पहले कुछ विशेष बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए। जो निम्नलिखित है।

  • सबसे पहले प्रकीर्तिक रत्न ही खरीदना चाहिए, क्योकि बाजार मे आजकल नकली रत्न बेचने वालों की संख्या 90% हो चुकी है, असली रत्न के नाम पर ठगा जा रहा है।
  • सबसे महत्व पूर्ण बात तो यह है की असली रत्न की पहचान करना।
  • असली रत्न खरीदने से पहले आप लैब सर्टिफिकेट के साथ ही रत्न खरीदें।
  • अब सबसे मुश्किल यह आती है की कुछ ऐसे लैब भी है जिनकी विश्वसनीयता पर शक होता है, इसलिए हमेशा IIGJ, GSI, GIA, IGI Cerificate वाले रत्न ही खरीदे, क्योकि ये विश्व के 4 ऐसे लैब है जो सबसे बड़े है।
  • नीलम रत्न को धारण करने से पहले शुक्रवार की शाम सूर्यास्त के बात यदि संभव हो तो गंगाजल मे नीलम को डुबाकर पूजा स्थान पर रख देना चाहिए।
  • उसके बाद शनिवार की शाम सूर्यास्त के बाद गंगाजल से नीलम रत्न को निकालकर उसको धूप, दीप, दिखाकर पूजा पाठ करके ही धरण करना चाहिए।
  • पूजा पाठ मे शनि के बीज मंत्र (ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः) का 11 माला जाप जरूर करना चाहिए।
  • नीलम रत्न धरण करने के बाद यदि आपको रात मे सोने के बाद यदि बुरे सपने आते है या कोई उलझन महसूस होती है तो इसे निकाल देना चाहिए।
  • और फिर अगले शनिवार को वापस से विधि पूर्वक धारण करके देखना चाहिए। उसके बाद भी बुरे सपने आते है या अच्छा महसूस नहीं होता है तो फिर से इसे निकाल देना चाहिए।
  • इस तरह करीब एक महीने तक कोशिश करना चाहिए, उसके बाद भी यह अच्छा महसूस नहीं कराये या परिणाम अच्छा नहीं दे तो इसे बिलकुल भी धरण नहीं करना चाहिए।

मुझे जहां तक लगता है की नीलम धारण करने से पहले क्या करना चाहिए? का जवाब आपको मिल गया होगा, इसके बाद भी आपको कोई असुविधा हो या किसी तरह का सुझाव हो तो आप हमे समपर्क कर सकते है, या हमारे ज्योतिषी से सलाह ले सकते है।

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